आदरणीय अनमोल सिद्धू जी रंग मंच के कलाकार, एक कमाल लेखक व निर्देशक हैं। इन्होंने अनेक लघु फ़िल्में बनायी हैं और अनेक फ़िल्मों में कलाकार की तरह काम भी किया है। आप की फ़िल्म “जग्गी” को APSA Asia Pacific Screen Awards में बेस्ट यूथ फ़िल्म के लिये चुना गया।आप की लघु फ़िल्म “The Last Tree” को देश विदेश में अनेक अवार्ड मिले हैं। इन की बनायी लघु फ़िल्मों को You Tube पर देखा जा सकता है। इन की कुछ लघु फ़िल्मों के नाम – “गोभी” “जग्गी” “The Last Tree” हैं।
अनमोल सिद्धू जी ने अपनी फ़िल्म जग्गी द्वारा समाज में दबी गंदगी का बहुत निर्भयता के साथ चित्रण किया है। मानसिक पीड़ा और समवेदना को बहुत सुंदरता से दिखलाया है। इस फ़िल्म से हम को यह सबक़ मिलता है कि यौन शिक्षा हमारी युवा पीड़ी के लिये अति आवश्यक है। यौन शिक्षा का आरम्भ घर से व विद्यालय दोनों से होना चाहिये। रमनीश चौधरी उर्फ़ जग्गी व रमन (काल्पनिक नाम) के संग सभी कलाकारों ने उत्तम श्रेणी का अभिनय किया। सभी ने उच्च कोटि का अभिनय प्रदर्शित किया। इसी आशा के साथ कि जो कुछ जग्गी व रमन के संग हुआ वह दोबारा ना हो।
मैं ‘मधु खन्ना’ आप की फ़िल्म को सम्मान देने के लिये – आप की फ़िल्म जग्गी की छोटी सी पंक्ति आप को सुनाना चाहूँगी-
” बन्दा तै जानवर तक नू नहीं छड़दा , फिर मैं तै रमन चीज़ ही की वाँ इस हवस अग्गै ” जददों ऐ हवस दिमाग़ नूँ चडदी आ बन्दा फ़ैर ना तै रिश्ते नाते देखदा , तै ना ही ऐनू बन्दे , बूढ़ी तै पशु विच कोई फ़र्क़ दिसदा ।”
इस शानदार रोचक साक्षात्कार को सुनने के लिये लिंक को दबायें। साक्षात्कार मधु खन्ना जी द्वारा कार्यक्रम “बातें मधु के साथ” लिया गया।